कलेक्टर द्वारा की गई पलकमती नदी पुनर्जीवन की समीक्षा,ग्रामीण विकास विभाग,वन विभाग,नगर पंचायत सोहागपुर के अधिकारियों को दिये गये विभिन्न निर्देश
नर्मदापुरम// मनीष जायसवाल
सोहागपुर क्षेत्र में प्रवाहित होने वाली पलकमती नदी के पुनर्जीवन हेतु प्रशासन द्वारा सतत् प्रयास किये जा रहे हैं उक्त नदी का प्रवाह वर्ष भर संभव हो इस हेतु कलेक्टर सोनिया मीना द्वारा पूरी नदी के कैचमेंट का सर्वे करवाया जाकर ठोस कार्ययोजना बनवाई जा रही है, उक्त संबंध में शनिवार को कलेक्टर द्वारा बैठक आयोजित कर पलकमती पुनर्जीवन से जुड़े हुए विभागों द्वारा किये जा रहे कार्यों व विभागों की आगामी कार्ययोजना की समीक्षा की गई।
बैठक में ग्रामीण विकास विभाग, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व, सामान्य वनमण्डल एवं नगर पंचायत सोहागपुर द्वारा उनके विभाग की कार्ययोजना से कलेक्टर को अवगत कराया गया।
बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत नर्मदापुरम सोजान सिंह रावत द्वारा पलकमती नदी से संबंधित मूलभूत जानकारी प्रस्तुत की गई, जिसमें बताया गया कि नदी की कुल लम्बाई लगभग 52 कि.मी. है जिसमें 12 ग्राम पंचायतों के 18 ग्राम आते हैं, नदी का कुल कैचमेंट 203 वर्ग कि.मी. का है जिसमें राजस्व, वनविभाग, नगरीय क्षेत्र सभी का रकबा सम्मिलित है। सीईओ जिला पंचायत द्वारा नदी की कैचमेंट क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना से पूर्व में किये गये कार्यों उनके परिणाम एवं मनरेगा योजना से आगे की कार्ययोजना पर विस्तार से जानकारी दी गई साथ ही उनके द्वारा नदी के कैचमेंट में किये गये भ्रमण का ब्यौरा भी प्रस्तुत किया गया।
जिसके उपरांत कलेक्टर मीना ने नदी पुनर्जीवन हेतु गठित जिला स्तरीय तकनीकी दल द्वारा नदी के कैचमेंट में किये गये भ्रमण की समीक्षा की गई एवं उनके द्वारा तैयार प्रस्तुतीकरण को देखा गया एवं निर्देश दिये गये कि नदी के कैचमेंट में रिज-टू-वैली अवधारणा के आधार पर तत्काल संरचनाओं की स्वीकृतियां की जाएं।
जीआईएस मैपिंग के आधार पर संरचनाएं उन स्थलों पर चुनी जाएं जहां से संग्रहित किया हुआ पानी पलकमती के भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने में सहयोगी हो मनरेगा योजना से प्रत्येक ग्राम पंचायत का पृथक-पृथक वॉटर बजट तैयार कर कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिये गये।
पलकमती नदी के बहाव वाले सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अंतर्गत आने वाले क्षेत्र की समीक्षा कलेक्टर द्वारा की गई एवं निर्देश दिये गये कि उक्त क्षेत्र पहाड़ी है व नदी के उद्गम में आता है अतः उक्त पहाड़ी क्षेत्र पर अधिक से अधिक कंटूरट्रेंच, गलिप्लग, गैवियन जैसी संरचनाएं स्वीकृत की जाए यदि वन विभाग में राशि का अभाव होता है तो कार्य मनरेगा योजना के तहत स्वीकृत कराये जाएं।
सोहागपुर नगर पंचायत क्षेत्र में आने वाले पलकमती के कैचमेंट की समीक्षा की एवं निर्देश दिये कि नदी से सिल्ट निकालने के कार्य में प्रगति लायी जाए। 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नगरीय क्षेत्र में जनसहभागिता से नदी की सफाई का कार्य कराया जाए। नदी पर बनने वाले रिटर्निंग वॉल व पिचिंग कार्य गुणवत्ता पूर्ण किया जाए। बैठक में सोहागपुर की स्वयं सेवी संस्था पलकमती सेवा समिति द्वारा पूर्व वर्षों में नदी के पुनर्जीवन हेतु किये गये कार्यों की सराहना भी की गई।
कलेक्टर द्वारा निर्देश दिये गये कि नगरीय क्षेत्र की सभी शासकीय संस्थानों एवं निजी प्रतिष्ठानों में रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग के कार्य अनिवार्यतः कराये जाये। ग्रामीणा क्षेत्रों में भी पंचायत भवन, आंगनबाड़ी भवन, शालाओं आदि शासकीय संस्थाओं में रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग अनिवार्यतः कराने के निर्देश दिये गये, जिससे अधिक से अधिक वर्षा जल को संग्रहित किया जा सके।
बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत नर्मदापुरम, कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग नर्मदापुरम, जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी, जनपद पंचायत सोहागपुर के सीईओं एवं तकनीकी अमला, वनविभाग एवं नगर पंचायत सोहागपुर के अधिकारी उपस्थित रहे।