महान स्वतंत्रता सेनानी एवं जल जंगल जमीन का नारा देने वाले जननायक ‘धरती आबा’ भगवान बिरसा मुंडा जी की 150वीं जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन।
इटारसी// मनीष जायसवाल
महान स्वतंत्रता सेनानी एवं जल जंगल जमीन का नारा देने वाले जननायक ‘धरती आबा’ भगवान बिरसा मुंडा जी की 150वीं जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन।
सरपंच संघ जनपद सदस्यों एवं जनप्रतिनिधियों के माध्यम से केसला स्थित मंगल भवन में भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती मनाई गई जयंती इस अवसर पर *आदिवासी युवा पार्षद राहुल प्रधान ने सामाजिक संदेश में कहाँ धर्मांतरण एक कायरता पूर्ण काम है यह दिमाक की तरह हमारी आदिवासी समाज की नींव को अंदर ही अंदर से खोखला कर रहा है
19वी शताब्दी के अंत मे अंग्रेजों ने कुटिल नीति अपनाकर आदिवासियों को लगातार जल, जंगल, जमीन ओर उनके प्राकृतिक संसाधनों से बेदखल करने लगे। हालांकि आदिवासी विद्रोह करते थे, लेकिन संख्या बल में कम होने एवं आधुनिक हथियारों की अनुपलब्धता के कारण उनके विद्रोह को कुछ ही दिनों में दबा दिया जाता था यह सब देख कर बिरसा मुंडा विचलित हो गए और अंतत: 1895 में अंग्रेजों की लागू की गई जमींदारी प्रथा ओर राजस्व व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई के साथ साथ जंगल जमीन की लड़ाई ने छेड़ दी यह मात्र विद्रोह नही था यह आदिवासी अस्मिता, स्वायतत्ता, ओर संस्कृति को बचाने के लिए संग्राम था।
भगवान बिरसा मुंडा जी ने अंधविश्वास के खिलाफ आंदोलन करते रहे है राहुल प्रधान ने कहाँ आज जरूरत है समाज की युवा पीढ़ी को जागरूक होने की आवश्यकता आज हम उनके सिद्धान्तों पर ओर विचारों को अपनाते हुए समाज के उत्थान संस्कृति और अस्मिता को जीवीत रखने के लिए प्रयासरत रहेंगे।
आदिवासी समाज की उन्नति, सम्मान, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए भगवान बिरसा मुंडा जी का संघर्ष अमर है। यह दिन न केवल उनकी शहदत और योगदान को याद करने का है बल्कि आदिवासी समाज की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत, अनवरत संघर्ष और स्वाभिमान का उत्सव भी है जो जीवन पर्यंत हमें देश की रक्षा के लिए प्रेरित करती रहेगी।